*मैक्स के डाक्टरों ने लिवर कैंसर व फेलियर की रोकथाम के लिए हेपेटाइटिस सी को लेकर दी जानकारी*
रिपोर्ट (शिवराज पोसवाल )
देहरादून। मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल देहरादून हेपेटाइटिस सी के बारे में जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रहा है। लिवर की बीमारी की शुरुआती पहचान और उपचार के महत्व को बताती है। हेपेटाइटिस सी, को बिना उपचार के छोड़ दिया जाय तो लिवर में स्थायी क्षति या लिवर के कैंसर का कारण बन सकती है। हालाँकि, नई दवाओं ने इस बीमारी को तीन महीने के भीतर ठीक करना संभव बना दिया है।
मैक्स हॉस्पिटल, देहरादून के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मयंक गुप्ता ने कहा कि हेपेटाइटिस सी लिवर का एक आम और गंभीर संक्रमण है, जिसका समय पर इलाज न होने पर लिवर में स्थायी क्षति और लिवर कैंसर हो सकता है। नई एंटीवायरल दवाओं के आने से इसके उपचार में क्रांति ला दी है। जिससे एक दिन में सिर्फ एक गोली खा लेने से हेपेटाइटिस सी का इलाज संभव हो गया है। नै दवाएँ अत्यधिक प्रभावी हैं,और इनकी सफलता दर पुरानी दवाओं के अपेक्षा बहुत बढ़ जाती ।
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल देहरादून में हाल ही में आये एक मामले में समय पर उपचार के महत्त्व को उजागर करता है। एक 60 वर्षीय महिला में जब आकस्मिक लिवर फंक्शन टेस्ट में असामान्यताएं पाई गईं जिससे हेपेटाइटिस सी होने का पता चला। आगे की जांच करने के बाद उसे उच्च वायरल लोड और बढ़ते हुए लिवर क्षति का निदान किया गया। मैक्स अस्पताल में प्रदान किए गए त्वरित हस्तक्षेप और उन्नत उपचार और दवा शुरू करने के एक महीने के भीतर उसका हेपेटाइटिस सी आरएनए स्तर जाँच योग्य नहीं रहा, और वह तीन महीने के बाद पूरी तरह से ठीक हो गई। उसके लिवर फंक्शन टेस्ट में काफी सुधार हुआ है और चल रही देखभाल संक्रमण के कारण होने वाले लिवर की क्षति को दूर करने पर केंद्रित रही।
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल देहरादून में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेपेटोलॉजी और एंडोस्कोपी के कंसल्टेंट डॉ. प्रत्यूष शरण सिंघल ने हेपेटाइटिस सी के जाँच और उपचार जोर दिया कि हेपेटाइटिस सी एक मूक लेकिन घातक बीमारी होती है। ज्यादा संक्रमण वाले क्षेत्रों में नियमित जांच के माध्यम से प्रारंभिक पहचान महत्वपूर्ण हो जाती है । नए एंटीवायरल उपचार भी अत्यधिक प्रभावी हैं, जो हेपेटाइटिस सी को एक इलाज योग्य बना देते हैं और लिवर की विफलता और कैंसर जैसी गंभीर जटिलताओं को रोकते हैं।