उत्तराखंड

*उन्नति एप्पल परियोजना इस बात का शानदार उदाहरण: पुष्कर सिंह धामी*

पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड सदन नई दिल्ली से वर्चुवल रूप से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा की “उन्नति एप्पल परियोजना“ इस बात का शानदार उदाहरण है कि किस प्रकार सामूहिक प्रयासों से कृषि परिवर्तन को बढ़ावा मिल सकता है।
इस पहल की सफलता हमारे किसानों की दृढ़ता और कड़ी मेहनत का परिणाम है। इस परियोजना से प्रदेश में सेब के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। इस परियोजना से चंपावत में सेब की खेती करने वाले किसानों में आए सकारात्मक बदलावों के प्रति प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये कास्तकार चंपावत को आदर्श जनपद की परिकल्पना को साकार करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने चम्पावत में हाई डेन्सिटी प्लांटेशन तकनीक से लगाए गये 100 सेब के बगानों से 20 माह में ही फलों का उत्पाद होना सेब की खेती के लिये शुभ संकेत बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना ने किसानों को उन्नत रोपण सामग्री, अच्छे कृषि अभ्यासों (जीएपी) में प्रशिक्षण और आधुनिक बुनियादी ढांचे तक पहुंच प्रदान की है, जिसके परिणामस्वरूप सेब उत्पादन और किसानों की आय में पर्याप्त वृद्धि हुई है। जिससे किसानों की आर्थिकी मजबूत होने के साथ ही प्रगतिशील किसानों द्वारा अन्य को भी रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कृषि और बागवानी राज्य की आजीविका, समृद्धि और विकास का प्रतीक है। सेब के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कोका-कोला इंडिया और इंडो-डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज की परियोजना उन्नति एप्पल जैसी आधुनिक कृषि-तकनीक पहल अत्यधिक उत्पादक और लाभदायक साबित हुई है। इससे हमारे किसानों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान को भी बढ़ावा मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की जलवायु कीवी, अखरोट, नाशपाती,प्लम, खुमानी और पैशन फ्रूट की खेती के लिए अनुकूल है। इन फलों के उत्पादन के लिए चम्पावत क्षेत्र उपुयक्त माना जाता है। यहां के सेब अपनी गुणवत्ता, स्वाद व पोषण तत्वों के लिए देशभर में प्रसिद्ध हैं। राज्य सरकार प्रदेश में फलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में एप्पल मिशन के साथ अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एप्पल मिशन के अंतर्गत सेब बागान लगाने वाले किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। सरकार ने प्रदेश में नई सेब नीति बनाई है इसमें आठ वर्ष में पांच हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सेब की अति सघन बागवानी का लक्ष्य रखा गया है। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश में सेब का सालाना टर्नओवर 200 करोड़ से बढ़ाकर 2000 करोड़ रुपए तक किया जाए। प्रदेश में उद्योगों के साथ ही बागवानी के विकास के लिए भी अनुकूल नीति बनाकर कार्य किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को सेब की खेती के प्रति अधिक से अधिक प्रेरित किया जाए ताकि सेब उत्पादन में उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाया जा सके। राज्य में नई तकनीकी से सेब के उन्नत किस्म के पेड़ लगाने से हम जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश से भी अच्छी क्वालिटी का सेब उत्पादन कर सकते हैं। जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखण्ड की भी सेब उत्पादन में विशेष पहचान हो, इसके लिए गुणवत्ता व पैकिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को आवश्यक संसाधन और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। किसानों को तीन लाख रुपए और महिला स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज के पांच लाख रुपए तक का ऋण दिया जा रहा है। परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत जैविक खेती को प्रमोट करने के लिए किसानों को लाभांवित किया जा रहा है।

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